5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT NAAT LYRICS IN HINDI EXPLAINED

5 Simple Statements About naat lyrics in hindi Explained

5 Simple Statements About naat lyrics in hindi Explained

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naat lyrics in english

हाफ़िज़ कामरान क़ादरी अलीशा कियानी ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ki tasweer seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad madine me.n maujood hai ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ka jalwa to seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad m

कितने मुअद्दब हैं ये कबूतर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

आप की गर्द-ए-राह को, आक़ा ! चाँद-तारे सलाम कहते हैं

या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !

तुझे जाना जाता है दोनों आलमों का बादशाह

●दिलों की पीर मिटाने को ईद आई है। ईद शायरी इन हिंदी

मैं पानी का प्यासा नहीं हूँ मेरा सर कटाने को दिल चाहता है वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं वहीं घर बनाने को दिल चाहता है जो देखा है

मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से डालो नज़र-ए-करम, सरकार ! अपने मँगतों पर इक बार हम ने आस है लगाई बड़ी देर से मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरा रुत्बा आ'ला न क्यूँ हो, कि मौला !

Praise of prophet Muhammad (PBUH) continues to be recited because nabawi routine. Employing Naat Library app, a muslim can certainly study naat published in type textual content. Naat Library is a singular application that contains the best number of well known urdu naats lyrics in urdu and punjabi.

براہ کرم میرے پرچھونکی کچھ قطرے (مہربانی کے) بھی گرا دیں

मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं ग़ौस-उल-आ'ज़म हो, ग़ौस-उल-वरा हो नूर हो नूर-ए-सल्ले-'अला हो क्या बयाँ आप का मर्तबा हो ! दस्त-गीर और मुश्किल-कुशा हो आज दीदार अपना करा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं सुन रहे हैं वो फ़रियाद मेरी ख़ाक होगी

जैसे समेटे आग़ोश-ए-मादर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

Through all my lifetime As well as in my prayers, I come up with a supplication to pray behind him [in the next lifestyle]

●मदीने के सपने सजाने लगे हैं : लिखी हुई नातें प्रेमनाथ बिस्मिल

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